Kakhan Harab Dukh Mor - Vidyapati Geet
समस्त मिथिला बासी के नूतन वर्ष के अनेकानेक शुभकामना !
कखन हरब दुःख मोर - विद्यापति गीत
०१ आजू नाथ एक बरत महा सुख - ज्ञानेश्वर दुबे
०२ बड़ सुख सार पऔल एहि तीरे - ज्ञानेश्वर दुबे
०३ हे भोला नाथ कखन हरब दुःख - दीपा नारायण झा, ममता राजे
०४ हे हर हमारो करहूँ प्रतिपाला - उदित नारायण
०५ जय जय भैरवी असुर - उदित नारायण
०६ जोगिया एक हम देखलौं - सुरेश आनंद
०७ कखन हरब दुःख मोर - रविन्द्र जैन
०८ कोयल कमल कंठ झर झर - ममता राजे
०९ शिव हो उतरब पार - ज्ञानेश्वर दुबे
१० उगना रे मोर कतई गेला - ज्ञानेश्वर दुबे
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०१ आजू नाथ एक बरत महा सुख - ज्ञानेश्वर दुबे
०२ बड़ सुख सार पऔल एहि तीरे - ज्ञानेश्वर दुबे
०३ हे भोला नाथ कखन हरब दुःख - दीपा नारायण झा, ममता राजे
०४ हे हर हमारो करहूँ प्रतिपाला - उदित नारायण
०५ जय जय भैरवी असुर - उदित नारायण
०६ जोगिया एक हम देखलौं - सुरेश आनंद
०७ कखन हरब दुःख मोर - रविन्द्र जैन
०८ कोयल कमल कंठ झर झर - ममता राजे
०९ शिव हो उतरब पार - ज्ञानेश्वर दुबे
१० उगना रे मोर कतई गेला - ज्ञानेश्वर दुबे
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